Thursday, September 2, 2021

कॉमरेड रामनाथ श्रद्धांजलि कार्यक्रम 12 सितंबर को होगा

 2nd September 2021:04:29 PM

 जीवन भर वाम और बदलाव को समर्पित रहे कामरेड रामनाथ 

चंडीगढ़: 02 सितंबर 2021: (नक्सलबाड़ी स्क्रीन ब्यूरो)::

वाम बार बार बंटा। बार बार टूटा। कई नए संगठन खड़े हुए। कई नए दल बने। बंट कर भी, अलग अलग हो कर भी ये लोग किसी न किसी रूप में इसी विचारधारा को मज़बूत बनाते रहे और आगे चलाते रहे। इस अभियान के लिए बहुत से लोग चुपचाप खामोशी से काम करते रहे। उनकी साधना बहुत लम्बी भी है और महत्वपूर्ण भी। बहुत सी कुर्बानियां हैं उनकी। इन्हीं में से एक थे कामरेड रामनाथ। 

भारत की कम्युनिस्ट लीग (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के संस्थापक कॉमरेड रामनाथ बीती 31 अगस्त को हमारे बीच नहीं रहे। उनकी उम्र अस्सी साल से ऊपर थी, वह लम्बे समय से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे और अब दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। उनकी याद में श्रद्धांजलि समागम 12 सितबंर को गुरशरन कला भवन, मुल्लांपुर में किया जा रहा। यह जानकारी मार्क्सवादी पत्रिका ‘प्रतिबद्ध’ के संपादक सुखविंदर की और से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई। उन्होंने कहा है कि कॉमरेड रामनाथ का निधन भारत के कम्युनिस्ट क्रांतिकारी आन्दोलन को न पूरी हो सकने वाली क्षति है।

*कॉमरेड सुखविंदर ने बताया कि कॉमरेड रामनाथ के जीवन का बड़ा हिस्सा (लगभग छः दशक) भारत की मेहनतकश जनता के मुक्ति संग्राम को समर्पित रहा। उनके क्रांतिकारी राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारत की कम्युनिस्ट पार्टी से हुई। 1964 में इस पार्टी में फूट पड़ने के बाद वे नई बनी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए। 1969 में भाकपा (मा.ले.) बनने के बाद राम नाथ इस पार्टी में शामिल हुए। 1978 में उनके नेतृत्व में भारत की कम्युनिस्ट लीग (मा.ले.) की स्थापना हुई। उन्होंने भारतीय समाज का गहराई से अध्ययन किया, नव-जनवादी क्रांति के कठमुल्लेपन को तोड़कर, समाजवादी क्रांति का कार्यक्रम दिया। उन्होंने कम्युनिस्ट आन्दोलन को आज़ादाना सोच की वैज्ञानिक हिम्मत दी। उन्होंने कहा कि कॉमरेड रामनाथ अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं, जिसे आत्मसात करते हुए समाजवादी क्रांति की दिशा में जनांदोलन को आगे बढ़ाना हमारा कार्यभार है। उन्होंने कॉमरेड रामनाथ श्रद्धांजलि समागम में आन्दोलन के कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों को पहुँचने की अपील की है।

*कामरेड सुखविदंर प्रतिबद्ध के सम्पादक भी हैं और इस क्षेत्र के ज्ञान पर उनकी काफी पकड़ है।  

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