Friday, June 14, 2013

नक्सली आन्दोलन:एक पहलू यह भी

इमली तोड़ने आई 17 बरस की बच्ची को भी गोलियां मार दी गयीं
हत्यायों या खून खराबों की न तो प्रशंसा की जा सकती है और न ही समर्थन पर इस तरह की घटनायों को रोकने के लिए उनकी जड़ों तक न जाना निश्चय ही निंदनीय भी है और खतरनाक भी। गांधीवादी नेता हिमांशु कुमार जंगल के जीवन और आदिवासियों पर खतरे उठाकर भी अक्सर लिखते रहते हैं। अपने आश्रम पर सरकारी कोप के बावजूद उन्होंने लिखना नहीं छोड़ा। अब उन्होंने एक और सत्य कथा पोस्ट की है सोशल मीडिया पर। इसी रचना को फेसबुक पर पोस्ट किया हरसेवक सिंह ने। दुःख की बात है कि ऐसी दास्तानें मीडिया ब्लैक आऊट के बावजूद सामने आती रहती हैं। कुछ दशक पूर्व धर्मयुग ने भी ऐसा काफी कुछ पाठकों के सामने रखा था पर अब मीडिया में वोह बात नहीं रही। नक्सलवाद, माओवाद या अन्य हिंसक आंदोलनों से कारगर ढंग से निपटना है तो उन हालातों को रोकना होगा जो इस तरह की घटनायों के लिए बीज बनते हैं और फिर हिंसा की एक नई फसल खड़ी करते हैं। आईए देखते हैं की क्या कहते हैं हिमांशु कुमार अपनी इस नई रिपोर्ट में----रेक्टर कथूरिया  
कोसी एक आदिवासी लड़की है ! कोसी जब मुझे मिली उसकी उम्र सोलह या मुश्किल से सत्रह की होगी ! कोसी का घर पुलिस ने जला दिया था ! कोसीका परिवार जंगल में छिप कर रहता था ! कोसी के गाँव वाले बताते हैं हमारा गाँव जलाने फिरकी वाले जहाज से काले कपडे वाले सिपाही आये थे ! कुछ स्थानीय पत्रकार इस बात की तस्दीक करते हैं ! उनका कहना है कि दिल्ली से कमांडोज़ आये थे और उन्हें इस इलाके में एयर ड्रॉप किया गया था !कोसी का गाँव वीरान पड़ा था ! घर जले हुए थे ! इमली आम महुआ जामुन पकते थे और ज़मीन पर गिर कर सड़ जाते थे ! कोई खाने वाला ही नहीं बचा था ! खेती की हर कोशिश को सुरक्षा बलों ने और सलवा जुडूम ने नाकाम कर दिया था ! जब भी फसल पक कर तैयार होती जला दी जाती !जंगल में छिपे छिपे कोसी से माँ और छोटी बहन की भूख नहीं देखी गयी ! गाँव में इमली पक चुकी थी ! कोसी ने फ़ैसला किया कि वो गाँव में जायेगी , इमली तोड़ेगी , एक टोकरी इमली जमा करेगी और चालीस किलोमीटर दूर आंध्र के चेरला बाज़ार में वो इमली बेच कर माँ और बहन के लिये चावल लाएगी !कोसी ने अभी पेड से इमली गिरानी शुरू ही की थी तभी धांय की आवाज़ आयी ! कोसी ने देखा पुलिस और सलवा जुडूम ने गाँव को फिर से घेर लिया है ! ये लोग बीच बीच में ये देखने आते थे कि कि आदिवासी फिर से अपने गाँव में वापिस तो नहीं आ गये ?कोसी भागने के लिये नीचे उतरने लगी पुलिस वाले काफी नज़दीक आ गये थे ! कोसी ने पेड से छलांग लगादी ! पुलिस वाले उसे देख कर चिल्लाये , और पुलिस ने गोली चला दी ! कोसी ने अपने हाथ ऊपर उठा दिये और चिल्लाई मुझे मत मारना मैं नहीं भागूंगी ! तभी धांय से एक गोली कोसी के उठे हुए हाथ में घुस गयी ! दूसरी गोली ने कोसी की जांघ चीर दी !सलवा जुडूम और पुलिस वालों ने कोसी से पूछताछ की , उसने बाप का नाम वगैरह बताया ! और बताया कि वह इमली तोड़ने आयी थी ! पुलिस वाले हंस कर पूछ रहे थे और इमली चाहिये ? पुलिस वाले हँसते रहे और कोसी का मजाक बनाते रहे !कोसी को उसी हालत में चला कर थाने लाया गया !वहाँ से उसे अगले दिन कोर्ट में भेजा गया ! पुलिस ने कहा यह नक्सली महिला है !इसने पुलिस पार्टी पर फायरिंगकी!पुलिस की जवाबी फायरिंग में यह घायल हो गयी है ! जज साहब ने उसे जेल भेजने पर पहले इलाज करने का आदेश दे दिया !कोसी दो साल जेल में रही ! कोर्ट में कोसी पर कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ ! जिला अदालत दंतेवाड़ाने कोसी को बाइज्जत बरी कर दिया !हमारी संस्था ने कोसी के गाँव कोदुबारा बसाने का काम शुरू किया ! कोसी की दोस्ती मेरी पत्नी और मेरी बेटियों से हो गई थी ! कोसी अक्सर हमारे आश्रम में आती थी ! एक बार वो हमारी कार्यकर्ताओं के साथ बिनायक सेन रिहाई सत्याग्रह में शामिल होने रायपुर भी गयी थी !कोसी के हाथ पर गोली का निशान था लेकिन उसके मन पर कोई निशान नहींथा ! वो वैसे ही निश्छल मुस्कान हँसती थी जैसे उस उम्र की एक बच्ची को हंसना चाहिये ! उसके मन में पुलिस या सरकार के लिये कोई गुस्सा भी नही था ! वह उस पर हुए हमले के बारे में पूछने पर हंसनेलगती फिर अपने हाथ पर बना गोली का निशान दिखा देती और हंस देती थी !कोसी शायद जंगल में अभी भी कहीं हंस रही होगी !इधर दिल्ली में मेरे सामने कोसी की फ़ाइल रखी है ! जज साहब ने अपनेफैसले में लिखा है ........अभियुक्ता के पास से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है ! ना ही घटना स्थल से कोई खाली कारतूस बरामद हुआ है....इस घटना के गवाहों ने भी अभियुक्ता द्वारा पुलिस पर फायरिंग की घटना देखने से इनकार किया है ... अदालत अभियुक्ता को बाइज्जत बरी करती है !यह कहने की जरूरत नहीं है कि यह मामला कभी भी किसी अखबार में नहीं छपा !

Sunday, May 26, 2013

नक्सलवादी हमले पर देश भर में व्यापक प्रतिक्रिया

प्रधानमन्त्री ने दिए सख्ती के संकेत 
नक्सलबाड़ी आन्दोलन से जुड़े संगठनों की ओर  से कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हुए हमले से एक बार फिर सार देश सन्न रह गया है। हर ओर से इस हमले की निंदा जारी है। इसी बीच प्रधानमन्त्री ने इस मामले में नयी सख्ती के संकेत भी दिए हैं। राहुल गाँधी सोनिया गन्दी उप राष्ट्रपति मोहम्मद  हामिद अंसारी और प्रधानमन्त्री सहित सभी ने इस पर ब्यान दिए हैं।
देश और दुनिया को हिला कर रख देने वाले वाले बड़े और सुनियोजित हमले पर देश भर में तीखी प्रतिक्रिया का सिलसिला जारी है। उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने इसे कायरतापूर्ण बताते हुए कहा है कि किसी भी सभ्य समाज में इस तरह के बर्बर और सम्वेदना हीन हमलों की कोई जगह नहीं होती।इसी बीच प्रधानमन्त्री डाक्टर मनमोहन सिंह और राष्ट्रिय सलाहकार परिषद की चेयरपर्सन
सोनिया गाँधी अपनी सभी व्यस्ततायों को बीच में ही छोड़ कर रायेपुर पहुँच गये।
बस्तर में कल हुए माओवादी हमले पर उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कहा कि वे इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हैं जिसमें कई निर्दोष मारे गए जबकि कई अन्य घायल हो गये। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में ऐसे संवेदनाहीन और बर्बर कृत्यों के लिए कोई स्थान नहीं है। श्री अंसारी ने कहा कि चरमपंथ और हिंसा के सभी पक्षों से मुकाबला किया जाना चाहिए और उन्हें अपने बीच से मिटा देना चाहिए। 
इस हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट करते हुए श्री अंसारी ने घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की भी कामना की। उप राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी भावनाएं और प्रार्थनाएं इस कठिन समय में उनके साथ हैं। श्री अंसारी ने कहा कि ईश्वर उन्हें इस दुःख से उबरने में साहस और धैर्य प्रदान करे। 
प्रधानमंत्री ने नक्सली हमले में घायल हुए लोगों से मुलाकात की, पीड़ित परिवारों को सहायता और अपराधियों को सज़ा दिलाने का संकल्प जताया प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कल छत्तीसगढ़ में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के साथ रायपुर अस्पताल का दौरा करके घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की। 
प्रधानमंत्री इस नृशंस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से हिंसा के खिलाफ लड़ाई में देश की दृढ़ता में कमजोरी नहीं आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस हमले के जिम्मेदार अपराधियों को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने देश को आश्वासन भी दिया कि सरकार अपराधियों को सज़ा दिलाने के प्रति वचनबद्ध है। 
उन्होंने राज्य प्रशासन से घायलों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा उपचार देने को कहा। डॉ. मनमोहन सिंह ने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष से पांच लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की। 
प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ में सुरक्षा स्थिति का भी जायजा लिया। उन्होंने स्थिति से निपटने के लिए राज्य को हर संभव सहायता देने का भी आश्वासन दिया। 
डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि इस तरह के बर्बर कृत्य करने वाले अपराधी क्षेत्र में विकास और शांति के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले की निंदा की। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले की निंदा की है। प्रधानमंत्री के संदेश का अनूदित पाठ इस प्रकार है: 
"मैं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमले की कड़ी निंदा करता हूं। मैं उन लोगों के परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति प्रकट करता हूं जिन्होंने अपनी जान कुर्बान कर दी। मैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री विद्याचरण शुक्ल सहित इस कायरतापूर्ण हमले में घायल लोगों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार के लिए दुआ करता हूं। 
मैंने राज्य के मुख्यमंत्री से बात की है और उनसे अनुरोध किया है कि घायलों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाए तथा अपहृत लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। 
मैं हमलावरों से अपील करता हूं कि अपहृत लोगों को जल्द से जल्द छोड़ दें। 
ऐसी घटनाएं हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों के विरूद्ध हैं। सरकार किसी भी तरह की हिंसा के दोषी लोगों पर कड़ी कार्रवाई करेगी।" 
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सरकार के विरूद्ध युद्ध की तैयारी कर रहे नक्‍सलवादी                                 लाल सलाम 




Saturday, February 16, 2013

Himanshu Kumar-----हिमांशु कुमार

 Reading  Paash's poem-Sab Se Khatarnak


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नक्सलवादी शायर पाश की एक कविता:हम लड़ेंगे साथी

पंजाबी के नक्सलवादी शायर पाश की एक कविता: हम लड़ेंगे साथी:
Hum Ladenge Saathi in film Sadda Adda (2012)


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Lal Salaam-----लाल सलाम



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Finding solution to Naxalism part 1



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Wednesday, February 6, 2013

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधीन

05-फरवरी-2013 20:24 IST
केन्‍द्र ने दी नक्‍सल प्रभावित जिलों में चौमुखी संपर्क को मंजूरी
सरकार ने नक्‍सल प्रभावित जिलों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधीन चौमुखी संपर्क कायम करने को अपनी मंजूरी दे दी है। केन्‍द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम नरेश ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राज्‍यों की सरकारें दो चरणों में विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर सकती हैं। राज्‍य सरकारें ढांचे का निर्माण, ग्रेवल बेस आदि का निर्माण पहले चरण के अधीन कर सकती हैं, जबकि दूसरे चरण में बिटुमिनस अथवा कंक्रीट की सतह तैयार करना शामिल है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍यों को पहले चरण का कार्य पूरा करने की अनुमति दी जाएगी और कानून व्‍यवस्‍था को ध्‍यान में रखते हुए मार्च 2015 से पहले दूसरे चरण के लिए विस्‍तृत परियोजना रिपोर्ट भेजने के लिए कहा जाएगा। 

नक्‍सल प्रभावित 82 जिले के 52,000 आवास स्‍थलों में से 30,000 आवास स्‍थलों को इसमें शामिल किया गया है, किंतु अब तक केवल 19,000 आवास स्‍थलों को ही सड़कों से जोड़ा गया है।(PIB)
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वि.कासोटिया/सुधीर/मनोज-450
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधीन

Monday, January 14, 2013

साइबर युद्ध के लिए सबसे प्रभावकारी मालवेयर का विकास

साइबर युद्ध का ख़तरा-अमरीका के लिए सबसे बड़ा ख़तरा चीन से
वर्ष 2013 में दुनिया भर में साइबर हमलों की संख्या में बड़ी तेज़गति से वृद्धि होगी। कुछ ख़ास ठिकानों पर ऐसे हमले किए जाएंगे और सरकारी एजेंसियों पर विशाल पैमाने के हमले भी होंगे। यह निष्कर्ष एंटीवायरस निगम "कैसपेर्स्की लैब" के विशेषज्ञों ने निकाला है। अमरीकी खुफिया सेवाओं ने भविष्यवाणी की है कि आनेवाले 20 वर्षों में वैश्विक साइबर युद्ध शुरू हो जाएगा।

"कैसपेर्स्की लैब" के विश्लेषकों के मुताबिक, अगले साल कई सरकारी संस्थानों और व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों की निजी कंपनियों की गोपनीय जानकारी की चोरी बड़े पैमाने पर होने लगेगी। सामाजिक सेवाओं और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों पर साइबर हमले अक्सर होने की सम्भावना है।

गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी बड़ी नेटवर्क कंपनियों के पास भारी मात्रा में ऑनलाइन जानकारी हासल करने की क्षमता होगी। इसके अलावा, संचार प्रौद्योगिकी के विकास की तेज़गति की बदौलत देशों की सरकारों का अपने नागरिकों पर असीम नियंत्रण हो जाएगा। लेकिन इन देशों के नागरिकों के पास भी अपनी सरकारों को चुनौतियाँ देने के कई अवसर मौजूद होंगे।

वर्तमान में, सूचना प्रौद्योगिकी हमारे समाज के सूचना क्षेत्र के विकास के संदर्भ में एक बड़ा ख़तरा बनती जा रही है। इस संबंध में रूस के सूचना सुरक्षा संघ के अध्यक्ष गेन्नादी येमेलियानोव ने रेडियो रूस को बताया –

ऐसा ख़तरा इसलिए बढ़ता जाएगा क्योंकि इस ख़तरे का एक टाइमबम फिट कर दिया जा चुका है। यदि हम समय पर पर्याप्त सुरक्षा उपाये नहीं करेंगे तो यह बम ज़रूर फटेगा और बड़े विनाश का कारण बनेगा। जब हम सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के इतने ज्यादा आदी हो जाएंगे कि इसके बिना जीवन ही असंभव हो जाएगा तब पूरी दुनिया के लिए बहुत-सी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। ज़रा सोचिए, इस सूचना प्रौद्योगिकी ने अचानक ही काम करना बंद कर दिया है। अब आप क्या करेंगे? पूरा जीवन ठप्प। आप ज़रा कल्पना कीजिए कि सभी स्थानों पर बिजली गुल हो गई है। सारा काम ठप्प। वित्तीय और आर्थिक कारणों से भी ऐसा ख़तरा पैदा हो सकता है। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी को अच्छी तरह से समझने वाले एक बहुत अच्छे दिमाग़ की ही ज़रूरत होगी।

अमरीकी खुफिया सेवाओं ने अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें अमरीका के लिए मौजूदा साइबर हमलों के ख़तरों की समीक्षा की गई है। इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में अमरीका के लिए सबसे बड़ा ख़तरा चीन से ही पैदा होगा। लॉस एंजिल्स टाइम्स में छपी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस, फ्रांस, इज़राइल और दुनिया के कुछ अन्य देश भी साइबर जासूसी करते हैं लेकिन वे उतना विश्वासघात नहीं करेंगे जितना कि चीन कर सकता है। कम से कम रूस ऐसा नहीं कर रहा है। वह अपने व्यापारियों के लाभ के लिए अमरीकी कंपनियों की जानकारियां चुराने की कोशिशें नहीं कर रहा है।

इस बीच, दिसंबर माह की शुरूआत में साइबर रक्षा पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय मंच साइबर सुरक्षा एशिया- 2012 के भागीदार इस बात पर सहमत हुए थे कि सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया की मुख्य समस्या यह है कि दुनिया की सरकारें अभी तक यह तय नहीं कर पाई हैः साइबर-आतंकवाद क्या चीज़ है? कुछ देशों की सरकारें साइबर युद्ध के लिए सबसे प्रभावकारी मालवेयर का विकास कर रही हैं। लेकिन कोई भी सरकार यह गारंटी नहीं दे सकती हैं कि ये मालवेयर और वायरस आतंकवादियों के लिए भी उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। यदि ऐसा हुआ तो आतंकवादी गिरोह इन मालवेयरों और वायरसों का खूब इस्तेमाल करेंगे। इसलिए कहा जा सकता है कि आज भी दुनिया के कई देशों के लिए अपने ही साइबर संजाल में फंसने का बड़ा भारी ख़तरा बना हुआ है। माउस से एक ही “क्लिक” करने से पूरी सभ्यता का विनाश हो सकता है। (
रेडियो रूस से साभार)
13.12.2012, 16:32         
साइबर युद्ध का ख़तरा

Thursday, January 10, 2013

माओवादियों के गढ़ों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाए:शिंदे

10-जनवरी-2013 19:11 IST                                                  पत्रकार सम्‍मेलन में गृह मंत्री का वक्‍तव्‍य
माओवादी इस क्षेत्र में दशकों से जमे तथा इस भू-भाग से परिचित 
लड़ाई बहुत कठिन होने की संभावना:गृह मन्त्रालय का रिपोर्ट कार्ड
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री सुशील कुमार शिंदे ने दिसम्बर-2012 के लिए गृह मन्त्रालय का रिपोर्ट कार्ड एक पत्रकार सम्मेलन में 10 जनवरी-2013 को नई दिल्ली में प्रस्तुत किया। उनके साथ नजर आ रही हैं पत्र सूचना कार्यालय की प्रिसिपल डायरेक्टर जनरल (एम एंड सी) सुश्री नीलम कपूर (फोटो:पी आई बी )
सेना और सुरक्षा बलों ने दिसम्‍बर, 2012 में संयुक्‍त अभियानों में जम्‍मू एवं कश्‍मीर में सक्रिय 14 आतंकवादियों (8 विदेशी आतंकवादियों सहित) का खात्‍मा किया जिससे आतंकवादियों को काफी नुकसान हुआ। इसमें सुरक्षा बलों के विरुद्ध विभिन्‍न हमलों में शामिल नौ उग्रवादी (2 स्‍थानीय उग्रवादी तथा 7 विदेशी उग्रवादी) शामिल थे जो श्रीनगर सिटी में हमले की योजना बना रहे थे। मारे गए दो उग्रवादी (पम्‍पोरी में सेना के काफिले पर हमले में शामिल एक विदेशी आतंकवादी सहित) होटल सिल्‍वर स्‍टार गोलीबारी में शामिल थे। मारे गए उग्रवादियों में दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय विस्‍फोट मामले में वांछित हिजबुल मुजाहिद्दीन का एक स्‍थानीय कमांडर भी शामिल था।

2.   दिसम्‍बर 2012 माह के दौरान राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी ने वर्ष 2006 में मालेगांव में, फरवरी, 2007 में समझौता एक्‍सप्रेस में और मई 2007 में मक्‍का मस्जिद, हैदराबाद में तथा सितम्‍बर 2008 में मालेगांव में बम विस्‍फोट की घटनाओं में शामिल चार अभियुक्‍तों को गिरफ्तार किया। इन चार अभियुक्‍तों में से राजेन्‍द्र चौधरी, धन सिंह और मनोहर मालेगांव में बम रखने में शामिल थे; राजेन्‍द्र चौधरी और तेजराम ने हैदराबाद में मक्‍का मस्जिद में बम रखे थे तथा धन सिंह मालेगांव में बम विस्‍फोट में शामिल था।

    पूछताछ के दौरान इन अभियुक्‍तों ने पता न लगे तीन सनसनीखेज पुराने अपराधों अर्थात् (i) उज्‍जैन के नरवर पुलिस थाने में एक महिला नन (लीना) पर गोली चलाकर उसे घायल करने,  (ii) 9 जनवरी, 2004 को जम्‍मू में एक मस्जिद पर ग्रेनेड फेंकने, जिसमें दो व्‍यक्तियों की मृत्‍यु हो गई तथा 15 अन्‍य घायल हो गए,  (iii) फरवरी 2005 में नई दिल्‍ली में ‘’एस. ए. आर गिलानी’’ (संसद हमला मामले में वरी अभियुक्‍त) पर गोली चलाने, (iv) उज्‍जैन (मध्‍य प्रदेश) में एक पठान मुजीव लाला की हत्‍या करने तथा  (v) रमेश निनामा (इंदौर के पियर सिंह निनामा की हत्‍या के मामले में एक प्रमुख गवाह) की हत्‍या करने में अपनी भूमिकाएं स्‍वीकार कर लीं।

3.   केन्‍द्रीय लोक निर्माण विभाग, भोपाल द्वारा केन्‍द्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भोपाल का निर्माण किए जाने के लिए 7 दिसम्‍बर, 2012 को 281 करोड़ रुपये की राशि की स्‍वीकृति जारी की गई है। यह अकादमी सीधी भर्ती से नियुक्‍त होने वाले राज्‍यों के पुलिस उपाधीक्षकों तथा अपर पुलिस अधीक्षकों को बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करेगी तथा हमारे मित्र देशों की प्रशिक्षण आवश्‍यकताओं का निराकरण करेगी।
4.   दिनांक 4 दिसम्‍बर, 2012 को बंगलादेश सरकार के गृह मंत्री डॉ. मुहीउद्दीन खान आलमगीर ने मुझसे मुलाकात की तथा सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, आतंकवाद के खतरे का निवारण करने के लिए पार‍स्‍परिक सहयोग आदि से संबंधित द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। सीमा पार से चलने वाली अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने के लिए दोनों देशों के बीच हस्‍ताक्षरित समन्वित सीमा प्रबंधन योजना (सी बी एम पी) पर सहयोग बढ़ाने पर हमारी सहमति हुई, हमने सुरक्षा संबंधी मामलों पर सूचना का आदान-प्रदान करने के लिए नोडल पॉइंट्स के कार्य संचालन की समीक्षा की तथा हमने जीरो लाइन के 150 गज के भीतर विकास कार्य की अनुमति देने पर सहमति व्‍यक्‍त की। हम संशोधित यात्रा करार और प्रत्‍यर्पण संधि को अंतिम रूप देने तथा उस पर जनवरी 2013 में हस्‍ताक्षर करने के लिए सहमत हो गए। गृह मंत्री स्‍तर की अगली वार्ता 28 से 30 जनवरी, 2013 के दौरान ढाका में आयोजित की जाएगी।

5.   12 दिसम्‍बर, 2012 को नाईजीरिया के माननीय मिनिस्‍टर ऑफ इंटीरियर श्री अब्‍बा मोरो ने मुझसे मुलाकात की और आप्रवासन तथा वीजा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की।
6.   दिनांक 14 दिसम्‍बर, 2012 से 16 दिसम्‍बर, 2012 तक पाकिस्‍तान के इंटीरियर मिनिस्‍टर श्री रहमान मलिक द्विपक्षीय वार्ता के लिए भारत दौरे पर आए। आतंकवाद को पाकिस्‍तान के निरंतर सहयोग और पाक अधिकृत कश्‍मीर में आतंकवादी शिविरों के संचालन, मुंबई आतंकवादी हमले के प्रमुख मास्‍टर माइंड व्‍यक्तियों के अभियोजन तथा विचारण, मुंबई आतंकी हमले के षड़यंत्रकारियों तथा 1993 के मुंबई बम विस्‍फोटों के भगोड़ों को कानून के अंतर्गत सजा दिलाने, नियंत्रण रेखा तथा अंतर्राष्‍ट्रीय सीमाओं के पार से गोलीबारी, आतंकवाद के वित्तपोषण, जाली भारतीय करेंसी नोट, पाकिस्‍तान में मछुआरों तथा सिविलियन कैदियों और भारत के युद्ध बंदियों की रिहाई, वीजा और कंसूलर मुद्दों, स्‍वापक तथा मादक द्रव्‍यों की तस्‍करी तथा भारत और पाकिस्‍तान के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर करने और उसका अनुसमर्थन करने तथा एम एल ए टी एवं प्रत्‍यर्पण संधि आदि मुद्दों पर चर्चा की गई।

7.   8 सितम्‍बर, 2012 को भारत तथा पाकिस्‍तान सरकारों के बीच हस्‍ताक्षरित नए वीजा करार को भारत के माननीय गृह मंत्री तथा पाकिस्‍तान के माननीय इंटीरियर मिनिस्‍टर द्वारा 14 दिसम्‍बर, 2012 को नई दिल्‍ली में क्रियाशील बनाया गया।

8.   19 दिसम्‍बर, 2012 को संयुक्‍त राष्‍ट्र शरणार्थी उच्‍चायुक्‍त श्री एन्‍टोनिओ गुटरेस ने मुझसे मुलाकात की और शरणार्थियों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।

आंतरिक सुरक्षा
9.   26/11 के मुंबई आतंकी हमले के मामले में पाकिस्‍तान में गिरफ्तार अभियुक्‍त के विचारण के संबंध में पाकिस्‍तान के न्‍यायिक आयोग के दूसरे प्रस्‍तावित दौरे के संशोधित विचारार्थ विषयों को अंतिम रूप देने के लिए चार सदस्‍यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने 20 से 26 दिसम्‍बर, 2012 तक पाकिस्‍तान का दौरा किया।
10.  20 दिसम्‍बर, 2012 को विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) संशोधन विधेयक, 2011 राज्‍य सभा द्वारा पारित किया गया। यह विधेयक लोक सभा द्वारा 30/11/2012 को पहले ही पारित कर दिया गया था।

11.   राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा जांच के दौरान इकट्ठे किए गए साक्ष्‍यों की स्‍वतंत्र रूप से समीक्षा करने तथा इन मामलों में निर्धारित समय के भीतर आरोप पत्र दायर करने की सिफारिश करने के प्रयोजन से विधि-विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के अंतर्गत गठित ‘’प्राधिकरण’’ का 31 दिसम्‍बर, 2013 तक विस्‍तार किया गया है।

कश्‍मीर संबंधी मामले
12.  परियोजना मूल्‍यांकन समिति की 13वीं बैठक 19 दिसम्‍बर, 2012 को आयोजित हुई जिसमें विशेष उद्योग पहल योजना के अंतर्गत 25 उम्‍मीदवारों को प्रशिक्षित करने के लिए बजाज अलियांज तथा 50 उम्‍मीदवारों को प्रशिक्षित करने के लिए आइकॉन सेंट्रल लेबोरेट्रीज के प्रस्‍तावों को अनुमोदित किया गया।

पूर्वोत्‍तर
13.  कार्रवाई स्‍थगन के बारे में कुकी नेशनल आर्गेनाइजेशन (के एन ओ), यूनाइटेड पीपल्‍स फ्रंट (यू पी एफ) तथा मणिपुर के अम्‍ब्रेला संगठनों के साथ नई दिल्‍ली में 5 दिसम्‍बर, 2012 को त्रिपक्षीय बैठकें आयोजित की गईं। यू पी एफ के साथ कार्रवाई स्‍थगन करार को नौ माह तक बढ़ा दिया गया है किंतु कुकी नेशनल आर्गेनाइजेशन (के एन ओ) के साथ कार्रवाई स्‍थगन का और विस्‍तार किए जाने के बारे में कोई समझौता नहीं हो सका।

14.  उग्रवाद पर प्रभावी नियंत्रण के भाग के रूप में पूर्वोत्‍तर में भूमिगत संगठनों की गतिविधियों की समीक्षा की गई तथा हिन्‍नीवट्रेप नेशनल काउंसिल (एच एन एल सी), यूनाटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्‍फा) तथा नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एन डी एफ बी) को विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम के अंतर्गत विधिविरुद्ध संगम (2 वर्ष तक) घोषित करने संबंधी अधिसूचनाएं जारी की गईं।

केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बल
15.  भूमि के अधिग्रहण के लिए केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों को 25 करोड़ रु. की राशि स्‍वीकृत की गई है तथा कार्यालय/रिहायशी भवनों के निर्माण के लिए भी उनको 357 करोड़ रु. की राशि स्‍वीकृत की गई है।

आपदा प्रबंधन
16.  देश के विभिन्‍न भागों में कार्रवाई करने तथा राहत गतिविधियां चलाने के लिए नौकाओं, वाहनों तथा अपेक्षित उपकरणों सहित राष्‍ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के 614 कार्मिक तैनात किए गए। राष्‍ट्रीय आपदा कार्रवाई बल के कार्मिकों ने राज्‍य सरकारों के प्राधिकारियों के समन्‍वय से कार्य किए तथा 16 लोगों की जान बचाई और 18 शव निकाले।

नक्‍सल प्रबंधन
17.  विशेष रैली आयोजित करके वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में रिक्तियों को भरने के लिए केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों में कांस्‍टेबलों की भर्ती के मुद्दे पर
चर्चा करने के लिए गृह सचिव ने 4 दिसम्‍बर, 2012 को केन्‍द्रीय सशस्‍त्र पुलिस बलों के महानिदेशकों के साथ एक बैठक की अध्‍यक्षता की।

18.  10 अक्‍तूबर, 2012 को केन्‍द्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक सेवानिवृत्त महानिदेशक श्री के. विजय कुमार को वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास संबंधी मामलों पर सलाह देने के लिए वरिष्‍ठ सुरक्षा सलाहकार नियुक्‍त किया गया है।

19.  सुरक्षा बलों ने झारखंड के लातेहर जिले में माओवादियों के गढ़ों में बड़े पैमाने पर अभियान चलाए हैं। यह लड़ाई बहुत कठिन होने की संभावना है क्‍योंकि माओवादी इस क्षेत्र में दशकों से जमे हुए हैं तथा इस भू-भाग से परिचित हैं। इस क्षेत्र में हाल ही में हुई गोलीबारी से दस सुरक्षा कार्मिक शहीद हो गए तथा कुछ घायल हो गए। आसूचना संबंधी जानकारी से यह पता चला है कि माओवादियों को भी बहुत क्षति पहुंची है। यह अभियान इस क्षेत्र से माओवादियों का सफाया होने तक जारी रहेंगे।

विदेशी विषयक
20.  माह के दौरान पैराग्‍वे (चैक रिपब्लिक); नैरोबी (कीनिया) तथा मपुतो (मोजाम्बिक) में स्थित भारतीय दूतावासों में आई वी एफ आर टी के अंतर्गत इंटीग्रेटिड ऑनलाइन वीजा एप्‍लीकेशन प्रणाली शुरू की गई है। यह सुविधा अब विदेशों में स्थित 101 भारतीय मिशनों में उपलब्‍ध है।

21.  विदेशी छात्रों के कल्‍याण के बारे में तथा उनकी गतिविधियों/निष्‍पादन और सामान्‍य आचरण पर नजर रखने के लिए आई वी एफ आर टी के अंतर्गत विदेशी छात्र सूचना प्रणाली (एफ एस आई एस) विकसित की गई है ताकि संबंधित शैक्षणिक संस्‍थानों द्वारा विदेशी छात्रों के विवरण को ऑनलाइन भरने में सुविधा हो सके। यह मॉड्यूल प्रयोग के तौर पर एफ आर आर ओ चैन्‍नई में शुरू किया गया है।

संघ राज्‍य क्षेत्र
22.  यौन उत्‍पीड़न मामलों में 30 दिन के भीतर त्‍वरित न्‍याय तथा निवारक दंड की व्‍यवस्‍था करने के लिए दंड कानूनों में संभावित संशोधनों की जांच करने के लिए सरकार ने 24 दिसम्‍बर, 2012 को न्‍यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जे. एस. वर्मा समिति का गठन किया।

23.  दिल्‍ली में हाल ही में घटित सामूहिक बलात्‍कार की दु:खद घटना के बारे में सरकार ने 26 दिसम्‍बर, 2012 को न्‍यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) उषा मेहरा जांच आयोग का भी गठन किया।

24.  कल मैंने दिल्‍ली में कानून एवं व्‍यवस्‍था की स्थिति की दिल्‍ली पुलिस के साथ समीक्षा की। हमने इस बारे में निम्‍नलिखित निर्णय लिए हैं :-
क) दिल्‍ली पुलिस के कार्मिकों द्वारा रात्रि में मोटरसाइकिल पर गश्‍त लगाना;

ख) प्रत्‍येक पुलिस थाने में महिला हेल्‍प डैस्‍क-पुलिस थाना क्षेत्र में सभी स्‍कूलों और कॉलेजों में महिला हेल्‍प डैस्‍क का सैल नंबर तथा टेलीफोन नंबर अधिसूचित किया जाना होगा; और

ग) सिविल रक्षा कार्मिकों, होमगार्ड, भूतपूर्व सैनिकों तथा महिला गैर सरकारी संगठनों को शामिल करके प्रत्‍येक पुलिस थाने में समितियों का गठन किया जाए ताकि जनता, विशेष रूप से महिलाओं से संबंधित मुद्दों को बातचीत के दौरान पुलिस अधिकारियों के समक्ष लाया जा सके।

राज्‍य विधायन
25.  भारत के राष्‍ट्रपति ने दिसम्‍बर, 2012 में असम राज्‍य सतर्कता आयोग विधेयक, 2010; राजस्‍थान विशेष न्‍यायालय विधेयक, 2012;  उत्तर प्रदेश

राजस्‍व संहिता विधेयक, 2006 तथा भारतीय स्‍टाम्‍प (पश्चिम बंगाल संशोधन) विधेयक, 2012 को मंजूरी प्रदान की।

हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र को विशेष दर्जा
26.  हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र, जिसमें गुलबर्गा, बिदर, रायचूर, कोपल और यादगीर जिले शामिल हैं तथा कर्नाटक राज्‍य में बेल्‍लारी जिला अतिरिक्‍त रूप से शामिल है, को विशेष दर्जा प्रदान करने के लिए एक नया अनुच्‍छेद 371 (ञ)
अंत:स्‍थापित करने के लिए संसद के दोनों सदनों द्वारा संविधान (संशोधन) विधेयक, 2012 पारित कर दिया गया है।

सीमा प्रबंधन
27.  दिसम्‍बर, 2012 माह के दौरान भारत बंगलादेश सीमा के 40 किलोमीटर भाग पर तेज रोशनी करने का कार्य पूरा कर लिया गया।

28.  तटीय सुरक्षा के अंतर्गत 131 तटीय पुलिस थानों में से 116 के लिए भूमि के निर्धारण को अंतिम रूप दे दिया गया है तथा दिसम्‍बर 2012 तक 74 मामलों में भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। तटीय राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों द्वारा 60 में से 27 घाटों के लिए भूमि का निर्धारण कर लिया गया है।

29.  सरकार ने भारत-चीन सीमा पर भारत-तिब्‍बत सीमा पुलिस की कुल 804 किलोमीटर लम्‍बी 27 प्राथमिकता सड़कें स्‍वीकृत की हैं जिनमें से दिसम्‍बर 2012 तक 562 किलोमीटर लम्‍बी सड़कों का फॉर्मेशन कार्य तथा 241 किलोमीटर लम्‍बी सड़कों के समतलीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है।  (PIB) पत्रकार सम्‍मेलन में गृह मंत्री का वक्‍तव्‍य
वि.कासोटिया / श्‍याम – 139

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Wednesday, January 9, 2013

वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सर्व शिक्षा अभियान

08-जनवरी-2013 19:40 IST
नक्‍सल ग्रस्‍त इलाकों में बच्‍चों को शिक्षित करना
   विशेष लेख                                                                 * सरिता बरारा
Photo Courtesy: Janokti
हाल ही में सम्‍पन्‍न संसद के शीतकालीन सत्र में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री  ने बताया था कि देश के वाम उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सर्व शिक्षा अभियान शुरू करने के बाद से छात्रों के स्‍कूल छोड़ने की गति में काफी कमी आई है जो एक अच्‍छा संकेत है। वाम उग्रवाद प्रभावी क्षेत्रों में बच्‍चों को स्‍कूल से जोड़ने के लिए केंद्र और संब‍ंधित राज्‍य सरकारों ने बीते वर्षों में कई कदम उठाए हैं। इससे स्‍कूलों से बच्‍चों को जोड़े रखने में काफी हद तक सफलता मिली है और स्‍कूल छोड़ने वालों बच्‍चों की संख्‍या में काफी कमी आई है।
केंद्र सरकार की पहल और मदद
     स्‍कूलों में बच्‍चों को बनाए रखने में आवासीय स्‍कूलों का खुलना काफी प्रभावी तरीका है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वाम उग्रवाद प्रभावी जिलों में 77 आवासीय स्‍कूल/छात्रावास हैं जिनमें 31650 बच्‍चे पढ़ रहे हैं। प्रभावित जिलों में कक्षा 6 से लेकर 8 तक के लिए 889 कस्‍तूरबा गांधी विद्यालय आवासीय स्‍कूल लड़कियों के लिए खोले गए हैं।
     जनजातीय मामलों के मंत्रालय की एक योजना के प्रावधानों के तहत गृह मंत्रलय द्वारा चिन्हित नक्‍सल प्रभावित जिलों में अनुसूचित जनजाति बालिका आश्रम स्‍कूल और बाल आश्रम स्‍कूलों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से 100 फीसदी आर्थिक मदद मिलती है। इन स्‍कूलों में पढ़ने वाले बच्‍चों को मुफ्त किताबों सहित कई जरूरी चीजें मुहैया कराई जाती हैं।
     उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिलों में शिक्षा के प्रारंभिक स्‍तर पर बहुभाषिक शिक्षा मुहैया कराना एक अन्‍य पहल है जिससे बच्‍चों के सीखने की समझ बढ़ती है और स्‍कूलों में उनकी उपस्थिति बरकरार रहती है।
     केंद्र सरकार ने स्‍कूल छोड़ चुके छात्रों या कभी स्‍कूल नहीं गए बच्‍चों के लिए विशेष प्रशिक्षण की भी व्‍यवस्‍था की है। सरकार ने इसके लिए 33280 लाख रूपये स्‍वीकृत किए हैं। वर्ष 2011-12 और वर्ष 12012-13 के लिए वाम उग्रवाद प्रभावित जिलों में 47909 बच्‍चों के स्‍कूल लाने- ले जाने की सुविधा भी उपलब्‍ध कराई है। केंद्र सरकार का वाम उग्रवाद प्रभावित जिलों पर विशेष ध्‍यान है और इनके लिए विशेष योजनाएं बनाई जाती हैं।
महाराष्‍ट्र में केजी से लेकर पीजी तक शिक्षा केंद्र
    महाराष्‍ट्र सरकार नक्‍सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों के आदिवासी छात्रों के लिए ''केजी से पीजी'' शिक्षा केंद्र खोलने जा रही है जहां प्रारंभिक स्‍तर से स्‍नातकोत्‍तर स्‍तर तक पढ़ाई होगी। इसका उद्देश्‍य आदिवासी समुदायों को मुख्‍य धारा से जोड़ना है।
छत्‍तीसगढ़ में पोर्टा केबिन स्‍कूल
    छत्‍तीसगढ़ में राज्‍य सरकार ने बस्‍तर क्षेत्र के सभी जिलों में पोर्टा केबिन स्‍कूल शुरू किए हैं। स्‍कूलों के निर्माण में काफी समय लगते देख सरकार ने ऐसे स्‍कूलों की शुरूआत की है जिसका इस्‍तेमाल उन इलाकों में भी किया जा सकेगा जहां नक्‍सलियों ने पहले से मौजूद स्‍कूलों को क्षतिग्रस्‍त कर दिया हो या जहां स्‍कूल हैं ही नहीं। छत्‍तीसगढ़ में पोर्टा केबिन स्‍कूल योजना को यूनिसेफ की मदद से लागू किया जायेगा और ऐसे स्‍कूलों के लिए झारखंड सरकार ने भी कोष मंजूर कर लिया है।
राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग का बालबंधु कार्यक्रम

दो साल पहले प्रभावित क्षेत्रों में राष्‍ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एन सी पी सी आर) द्वारा शुरू की गयी नवीन बालबंधु योजना का प्रभाव पड़ने लगा है। इस योजना को नक्‍सल प्रभावित 9 जिलों में शुरू किया गया जिनमें छत्‍तीसगढ़ में सुखमा, महाराष्‍ट्र के गढ़चिरौली, आंध्र प्रदेश के खम्‍माम, बिहार के श्‍योहार, जम्‍मुई एवं रोहतास तथा असम के कोकराझार एवं चिरांग शामिल हैं। बालबंधु ऐसे नवयुवक हैं जिन्‍हें समुदाय के भीतर से भर्ती किया गया है। जिनका कार्य ऐसे क्षेत्रों के बच्‍चों की देखरेख करना है कि वें स्‍कूलों में जाये और यदि उन्‍होंने स्‍कूल जाना छोड़ दिया है तो वें स्‍कूल में वापस आयें और जो बच्‍चें खो गये हैं उन्‍हें, उनके परिवारवालों से मिलाएं। यद्यपि बाल बंधुओं को इन्‍हें लागू करने की शक्तियां प्राप्‍त नहीं हैं किंतु वे इस कार्य के लिए पंचायतों तथा समुदायों को शामिल करते हुए अधिकारियों पर अपना दबाव बना सकते हैं। बालबंधु कार्यक्रम की मूल्‍यांकन रिपोर्ट से यह पता चलता है‍ कि इन भर्ती किए गए युवा बालबंधुओं का बच्‍चों के आत्‍म विश्‍वास खासकर स्‍कूल जाने वाले बच्‍चों पर खास प्रभाव पड़ा है।

     बालबंधु कार्यक्रम के बारे में दिए गए अन्‍य सुझावों, सिफारिशों में यह दर्शाया गया है कि इस कार्यक्रम को उसी खंड में कम से कम दो वर्षों के लिए और विस्‍तार किया जाना चाहिए। तथा नजदीकी जिलों के नए खंडों में इस अपनाया जाए। जहां वर्तमान कुशल व्‍यक्ति तथा बालबंधु मूलभूत परिचालन प्रशिक्षण प्रदान करे।

स्‍वयं सहायता समूह तथा बालबंधु समिति दोपहर के खाने की योजना की निगरानी रखे तथा इसकी नियमित रिपोर्ट प्रेषित करें।

विद्यार्थियों को स्‍वयं सहायता समूह बनाने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए और जो विद्यार्थी पढ़ने में अच्‍छे हैं वे कमजोर विद्यार्थियों की सहायता करें। एनसीपीसीआर की अध्‍यक्ष डॉ शांता सिन्‍हा के अनुसार शिक्षा का अधिकार अधिनियम से सकारात्‍मक परिणाम प्राप्‍त हुए हैं और इनके नामांकन में वृद्धि हुई है। फिर भी प्रभावित क्षेत्रों में काफी कुछ किया जाना बनता है। उन्‍होंने बताया कि यह कार्य धीमी गति से चल रहा है और जहां इस कार्य में अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त हुए हैं उसे अन्‍य स्‍थान पर दोहराये जाने की आवश्‍यकता है।

राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने यह कहा है कि हिंसा, असहिष्‍णुता, गैर-बराबरी के लिए शिक्षा रामबाण की तरह है। हाल ही में छत्‍तीसगढ़ के जिलों में जनजातीय विद्यार्थियों के दो अलग-अलग छात्रावासों के लिए आधारशिला रखने के बाद उन्‍होंने कहा कि युवाओं के मन में मानवता के प्रति विश्‍वास बनाये रखना चाहिए जिससे कि विश्‍व में देश को सही स्‍थान मिल सके।              (पीआईबी फीचर)
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लेखिका स्‍वतंत्र पत्रकार हैं।
डिस्‍कलेमर: इस फीचर में व्‍यक्‍त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।

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वि.कासोटिया/अनिल /यादराम/मलिक/निर्मल-10


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