Friday 17th February 2023 at 08:37 PM
कामरेड दीपंकर द्वारा भाकपा (माले) की 11वीं कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में संबोधन
पटना (बिहार): 17 फरवरी 2023: (नक्सलबाड़ी स्क्रीन डेस्क)::
भाकपा (माले) की 11वीं कांग्रेस में आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस कांग्रेस में भाग लेने वाले सत्रह सौ से अधिक प्रतिनिधियों और पर्यवेक्षकों के साथ, यह हमारी पार्टी के इतिहास की सबसे बड़ा महाधिवेशन है। हमने अपने दो महान नेताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए पटना को विनोद मिश्र नगर और इस सभागार को रामनरेश राम हॉल का नाम दिया है। मंच कामरेड डीपी बख्शी, बीबी पांडे और एनके नटराजन की स्मृति को समर्पित है। ये तीनों हमारी केन्द्रीय कमेटी के सदस्य थे जिन्हें हमने मार्च 2018 में मानसा, पंजाब में आयोजित हमारी 10वीं पार्टी कांग्रेस के बाद से खो दिया।
बिहार के न्यायप्रिय प्रगतिशील लोगों द्वारा इस कांग्रेस के आयोजन को दिए गए हार्दिक समर्थन से हम बहुत प्रोत्साहित महसूस कर रहे हैं। यह गांधी मैदान में कल की ‘लोकतंत्र बचाओ, भारत बचाओ’ रैली की सफलता में भी दिखाई पड़ा। हम बिहार के लोगों के प्रेरणादायी प्रोत्साहन के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
साथी वाम दलों के नेताओं की उपस्थिति से हम बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं-सीपीआई (एम) से कॉमरेड सलीम, सीपीआई से कॉमरेड पल्लब सेनगुप्ता, आरएसपी से कॉमरेड मनोज भट्टाचार्य, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक से कॉमरेड जी देवराजन, मार्क्सवादी समन्वय समिति से कॉमरेड हलधर महतो , लाल निशान पार्टी, महाराष्ट्र से कॉमरेड भीमराव बंसोडे, आरएमपीआई से कॉमरेड मंगतराम पासला और सत्यशोधक कम्युनिस्ट पार्टी, महाराष्ट्र से कॉमरेड किशोर धामले – महाधिवेशन के इस उद्घाटन सत्र में उपस्थित हैं। आपकी उपस्थिति हमारे लिए बहुत मायने रखती है और यह निश्चित रूप से एकता की हमारी मौजूदा भावना और परस्पर सहयोगआधारित संबंधों को और मजबूत करने में मदद करेगी।
कामरेड, जब हम पटना में इस उद्घाटन सत्र का आयोजन कर रहे हैं, लोग त्रिपुरा में राज्य में अगली विधानसभा और सरकार चुनने के लिए मतदान कर रहे हैं। पिछले पांच वर्षों से त्रिपुरा में लगातार लोकतंत्र पर हमले हुए हैं। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं, समर्थकों और उनके कार्यालयों पर हमले हुए। जन अधिकारों की मांग करने वाले और विरोध की आवाज को बुलंद करने वाले वालों पर लगातार दमन हुआ है। हमें उम्मीद है कि त्रिपुरा के लोग बिना किसी डर के अपना वोट डालने में सक्षम होंगे और भाजपा द्वारा फैलाए गए इस आतंक के शासन को समाप्त करेंगे।
ऑक्सफैम की नयी रिपोर्ट ने एक बार फिर से भारत में बढ़ती आर्थिक असमानता की ओर ध्यान आकर्षित किया है। इस असमानता को कम करने के लिए अरबपतियों पर संपत्ति और विरासत करों की शुरुआत की जानी चाहिए। लेकिन सरकार ने बिल्कुल उल्टा कदम उठाते हुए इस साल के बजट में मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा और अन्य सार्वजनिक सेवा व कल्याणकारी खर्च के लिए बजटीय प्रावधान को कम कर दिया और अरबपतियों के लिए कर में और भी कटौती की घोषणा कर दी।
संवैधानिक शासन के सभी संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है। कार्यपालिका खुले तौर पर विधायिका और न्यायपालिका के मामलों में हस्तक्षेप कर रही है। राज्यपालों के कार्यालयों, केन्द्र द्वारा नियुक्त संस्थाओं के प्रमुखों और केन्द्रीय जांच एजेंसियों को नियंत्रण के उपकरणों में बदल देने के जरिये केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को महिमामंडित नगरपालिकाओं में बदल देने की कोशिश की है। नागरिकता कानूनों, आरक्षण नीतियों में बदलाव और लोगों के विभिन्न वर्गों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों, श्रमिक वर्ग, किसानों, छोटे व्यापारियों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं के मौजूदा अधिकारों के क्षरण के साथ संविधान को ही खोखला और भीतर से कमजोर किया जा रहा है। जैसा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने घोषणा की है लोकतंत्र और विविधता पर यह हमला 2023 में भारत के जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने से लेकर 1 जनवरी, 2024 को निर्धारित राम मंदिर के उद्घाटन के जश्न तक ढोल-नगाड़ों के साथ जारी रहेगा।
हम सभी वामपंथियों को इस लोकप्रिय एकजुटता को कायम करने और एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक संघीय भारत के एजेंडे को आगे बढ़ाने में केंद्रीय भूमिका निभानी होगी। 2023 के हमारे प्रयास 2024 में लोकतंत्र की निर्णायक जीत का मार्ग प्रशस्त करेंगे। हमें फाशीवाद को हराने और लोकतंत्र की लड़ाई जीतने के लिए सभी वामपंथी ताकतों और व्यापक विपक्ष के बीच घनिष्ठ एकता और सहयोग की आवश्यकता है और हमें विश्वास है कि हम इस दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
दुनिया की प्रगतिशील ताकतों को मजबूत करो! आइए हम संघर्ष के लिए एकजुट हों और अपनी जीत होने तक लड़ें। इंकलाब जिंदाबाद! क्रांति अमर रहे!