सरकार के विरूद्ध युद्ध की तैयारी कर रहे नक्सलवादी
भारत देश के विरूद्ध एक ‘संयुक्त मोर्चा’ संगठित करना चाहते हैं
गृह राज्य मंत्री श्री मुल्लापल्ली रामचन्द्रन ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सीपीआई (माओवादी) भारत में सक्रिय सबसे बड़ा वामपंथी उग्रवादी संगठन है। यह चालू वर्ष के दौरान सूचित कुल नक्सली हिंसा की लगभग 80 प्रतिशत हिंसा के लिए जिम्मेदार है। भारत देश के विरूद्ध इसके तथाकथित ‘प्रौट्रैक्टेड पीपुल्स वार’ के लिए सी पी आई (माओवादी) का दृष्टिकोण ‘भारतीय क्रांति की रणनीति और युक्ति’ (स्ट्रेटजी एंड टैक्टिस ऑफ द इंडियन रिवोल्यूशन) नामक उसके रणनीतिक दस्तावेज में स्पष्ट किया गया है। संक्षेप में इस दस्तावेज में राजनैतिक शक्ति प्राप्त करने के लिए एक व्यापक कार्य योजना दी गई है तथा इसका उद्देश्य भारत में तथाकथित ‘नई लोकतांत्रिक क्रांति’ लाना है। नई ‘लोकतांत्रिक क्रांति’ की रणनीति सैनिक एवं राजानीतिक नीतियों का एक मिश्रण है जिनमें गांवों में ‘बेस एरिया’ (स्वतंत्र क्षेत्र) सृजित करना तथा शहरी क्षेत्रों को धीरे-धीरे घेरना एवं उन पर कब्जा करना शामिल है। इस उद्देश्य को सीपीआई (माओवादी) ‘पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी’ के काडरों ) द्वारा सशस्त्र युद्ध, अपने अग्रणी संगठनों के माध्यम से राजनीतिक लामबंदी तथा भारत के विभिन्न भागों में सक्रिय अन्य विद्रोही गुटों के सहयोग के जरिए प्राप्त करने का लक्ष्य है, जिसे सीपीआई (माओवादी) की भाषा में ‘स्ट्रेटजिक यूनाइटेड फ्रन्ट’ कहा जाता है। सीपीआई (माओवादी) भारत देश के विरूद्ध एक ‘संयुक्त मोर्चा’ संगठित करना चाहते हैं तथा इस लक्ष्य के अनुसरण में यह जम्मू और कश्मीर तथा पूर्वोत्तर में अलगाववादी आंदोलनों को वैचारिक सहायता प्रदान करता है। इन्होंने हथियार एवं गोलाबारूद प्राप्त करने के लिए पूर्वोत्तर के कतिपय विद्रोही गुटों के साथ गहरे संगठात्मक संबंध भी बना लिए हैं। (PIB)
12-दिसंबर-2012 20:22 IST सरकार के विरूद्ध युद्ध की तैयारी कर रहे नक्सलवादी
वि.कासोटिया/संजीव/सुजीत-6028
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